sand mining news nautanwa
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महराजगंज जनपद का नौतनवां विकासखंड क्षेत्र नेपाल से निकलने वाली कई पहाड़ी नदियों से घिरा हुआ है। बरसात में ये नदियां पहाड़ों से अपने साथ बेस कीमती सिल्ट (बालू) लेकर भारतीय क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं। इसी सिल्ट (बालू) को नदियों से निकालने के लिए खनन माफियाओं में होड़ मची रहती है। जिसके परिणाम स्वरूप नदियों का प्रवाह मार्ग परिवर्तित हो जाता है। साथ ही बांध पर अतिरिक्त दबाब भी बढ़ जाता है।
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नतीजन जर्जर बांध नदी में आने वाले पानी के तेज धारा को रोक नहीं पता है। जिस कारण बाढ़ का पानी किसानों के कीमती जमीन व लहलहाते फसलों को अपनी आगोश में ले लेता है। गौर करने वाली बात है कि जब किसान खनन माफियाओं की शिकायत लेकर जिम्मेदारों की शरण मे जाते हैं तो सक्षम अधिकारी कार्रवाई न करते हुए खनन माफियाओं को फलने-फूलने में मदद करते हैं।
ऐसा ही एक मामला नौतनवां तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाली रोहिन नदी के सोंनपिपरी (सिंहपुर) घाट पर देखने को मिल रहा है। जहां खनन माफिया पट्टे की आड़ में सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली की मदद से नदी की कोख को सिल्ट (बालू) विहीन करने पर तुले हुए हैं। इसके अलावा नदी के बीचों बीच जहां पानी का प्रवाह है वहां भी मजदूरों की मदद से खनन माफियाओं द्वारा गड्ढा खोदकर नदी के कटान को रोकने में कारगर कीमती सिल्ट (बालू) को निकाला जा रहा है।
खनन माफिया नदी से निकले सिल्ट (बालू) को नौतनवां नगर के अलावा खनन स्थल से 15-20 किलोमीटर के दायरे में ऊंचे दामों पर बेचकर मालामाल हो रहे हैं। इस संबंध में जब चौथा स्तंभ रिपोर्टर द्वारा खनन निरीक्षक अजीत कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि जमुहानी (पुरुषोत्तमपुर) घाट का जनवरी में एक बार पट्टा हुआ था। जिसे अब निरस्त किया जा चुका है। वहां वर्तमान में जो भी खनन हो रहा है वह पूरी तरह से अवैध है। खनन माफियाओं के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि सक्षम अधिकारियों द्वारा खनन माफियाओं के खिलाफ कब तक कार्रवाई की जाती है।
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