MLA Sangeeta news gorakhpur

chauthastambhup.com । गोरखपुर ।

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सरगर्मियां अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में बढ़ गईं हैं। वर्तमान विधायक सहित सभी भावी प्रत्याशी लगातार लोगों से संवाद स्थापित करने में लगे हुए हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद निरंतर अपने क्षेत्र की जनता के बीच से गायब रहना कई जन-प्रतिनिधियों को भारी भी पड़ रहा है। खासकर पिछले दिनों आई बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों में ऐसे नेताओं के खिलाफ काफी गुस्सा है।

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पूर्वांचल की राजधानी कहे जाने वाले गोरखपुर में भाजपा के चुने हुए नेताओं के लिए तो यह आम हो चला है। यहां आये दिन किसी न किसी बीजेपी सांसद-विधायक को आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ अपने यहां से खदेड़ती हुई नजर आ रही है। हाल ही में सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो भी वायरल हुए हैं। जिसमें लोग बांसगांव सांसद कमलेश पासवान, सहजनवां विधायक शीतल पांडेय सहित कई नेताओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला कल सोमवार को गोरखपुर के गांव राजधानी से आया है। जहां कुछ लोगों ने रविवार की रात में स्थानीय विधायक संगीता यादव के गायब होने के पर्चे सार्वजनिक जगहों पर चिपका दिए। चस्पा किये गए पोस्टरों में लिखा है कि “हम सब को डूबता छोड़ हमारी विधायक संगीता यादव लापता हैं”। इसकी जानकारी होने पर विधायक के समर्थकों ने पोस्टरों को फाड़ दिया। वहीं, विधायक ने पोस्टर चिपकाने को विपक्ष की साजिश और गंदी राजनीति का हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार में जितना विकास हुआ, उतना किसी भी सरकार में नहीं हुआ है।

दरअसल, पिछले दिनों गोर्रा नदी का तटबंध जोगिया गांव में टूट गया था। नदी के पानी ने कई गांवों को चपेट में ले लिया। इसी पानी की चपेट में विकास खंड ब्रह्मपुर का करीब 20 हजार आबादी वाला सबसे बड़ा गांव राजधानी भी आ गया था। ग्रामीणों की शिकायत है कि, यदि विधायक संगीता यादव द्वारा समय रहते तटबंधों के निगरानी की व्यवस्था कराई गई होती तो बंधा न टूटता। अब जब गांव वाले बाढ़ से परेशान हैं। तब भी विधायक लोगों का हालचाल जानने नहीं पहुंची। स्थानीय विधायक केवल सोशल मीडिया पर अपने कामों का ढिंढोरा पीटती हैं। जबकि हकीकत में करती कुछ नहीं हैं।

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