Jan ashirwad yatra news

chauthastambhup.com । उत्तर प्रदेश ।

उत्तर में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा एक घोषणा की गई थी। जिसके अनुसार केंद्रीय मंत्रिमण्डल में स्थान पाने वाले उत्तर प्रदेश के सात सांसदों को केंद्रीय मंत्री की हैसियत से 16 अगस्त को जनता का आशीर्वाद लेने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से “जन आशीर्वाद यात्रा” नामक एक रैली निकलना था। 20 अगस्त को इन यात्राओं का समापन होगा। इस यात्रा की शुरुआत सबसे पहले मोदी मंत्रिमंडल में शामिल चार केंद्रीय मंत्रियों द्वारा की गई। जिसमें महराजगंज से लोकसभा सांसद पंकज चौधरी, मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर, लखीमपुर से सांसद अजय मिश्र और मथुरा के राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा शामिल हैं।

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यात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करना है। जन आशीर्वाद यात्रा प्रदेश के लगभग तीन दर्जन लोकसभा और 120 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए साढ़े तीन हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। इस यात्रा का मकसद पूरब से पश्चिम तक मंत्रियों के स्वागत कार्यक्रमों के जरिए चुनावी माहौल बनाने के साथ ही ब्राह्मण, कोरी, पासी, धनगर, लोधी और कुर्मी वोट बैंक को साधने की है। इसी के तहत वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी 16 अगस्त 2021 को सुबह 9 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से चलकर लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती व सिद्धार्थनगर होते हुए 18 अगस्त को महराजगंज पहुंचे।

सांसद पंकज चौधरी सहित सभी तीन वित्त राज्यमंत्रियों के जन आशीर्वाद यात्रा में जुटी भीड़ द्वारा कोरोना नियमों की जमकर अनदेखी की गई। इन कार्यक्रमों में मंत्रियों और भीड़ की लापरवाही को देखकर 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव की यादें ताजा हो गई। जहां कोरोना की दूसरी लहर को दरकिनार करते हुए मोदी-शाह-नड्डा सहित विपक्ष के कई शीर्ष नेताओं द्वारा बगैर मास्क के तबातोड़ जनसभाओं को संबोधित किया जा रहा था। कमोबेश पश्चिम बंगाल चुनाव वाली हालत मोदी सरकार में शामिल किए गए केंद्रीय मंत्रियों के जन आशीर्वाद यात्रा में भी देखने को मिली।

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इस यात्रा में पंकज चौधरी, कौशल किशोर, अजय मिश्र और बीएल वर्मा ने मास्क लगाना जरूरी नहीं समझा। वहीं उनके स्वागत में जुटी भीड़ में न तो किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और न ही किसी के चेहरे पर मास्क नजर आया। जबकि स्वास्थ्य विभाग और सरकारों का सख्त आदेश हैं कि, लोगों को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। लेकिन यहां तो मोदी के मंत्री ही सरकारी आदेशों का मिट्टी पलित करने पर तुले हुए हैं।

दरअसल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में बताया है कि, नए वैरियंट के कारण कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में अगर लोगों द्वारा कोविड-19 की अनदेखी की गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। जबकि कल बुधवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 35,178 नए कोरोना केस आए।

देशभर में पिछले 24 घंटे में 440 कोरोना संक्रमितों की जान चली गई। देश में अब तक कुल 3 करोड़ 22 लाख 85 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से कुल 4 लाख 32 हजार 519 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है। कोरोना महामारी को लेकर वैज्ञानिक के सख्त चेतावनी के बाद भी उत्तर प्रदेश में आम नागरिकों सहित सरकार में बैठे माननीयों द्वारा लगातार कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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