Weapons demilitarize news afghanistan
chauthastambhup.com । महराजगंज ।
अफगानिस्तान में अब तालिबान राज कायम है। क्योंकि अमेरिकी सैनिक अपने डेडलाइन यानी 31 अगस्त से चौबीस घंटे पहले 30 अगस्त को ही काबुल एयरपोर्ट छोड़कर अपने देश जा चुके हैं। अमेरिका सेना के आखिरी विमान C-17 ने बीते सोमवार की आधी रात को काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ान भरी। अमेरिका के जाते ही तालिबानी काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा करने के साथ ही फायरिंग कर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जानें का जश्न मना रहे हैं।
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वहीं अमेरिका ने जाते-जाते भी अफगानिस्तान की नई सत्ता को तगड़ा झटका दिया है। दरअसल, अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ने से कुछ घंटे पहले ही काबुल एयरपोर्ट पर रह गए अपने विमानों और सैन्य गाड़ियों को डिसेबल (खराब) कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर रखे अमेरिकी निर्मित 73 एयरक्राफ़्ट, 70 बख़्तरबंद गाड़ियां, हाईटेक रॉकेट डिफेंस सिस्टम और 27 हमवीज वाहनों का इस्तेमाल अब तालिबान कभी नहीं कर पाएगा। अमेरिकी जनरल ने इसकी पुष्टि की है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल केनेथ मैकेंजी ने बताया कि, हामिद करजई एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों और 70 MRAP बख्तरबंद वाहनों को सेना ने डिमिलिट्राइज्ड कर दिया है। अब ये विमान कभी नहीं उड़ पाएंगे। अमेरिका ने एयरपोर्ट पर रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार रोधी C-RAM सिस्टम भी छोड़ा है। जिसका इस्तेमाल एयरपोर्ट को रॉकेट हमले से बचाने के लिए किया गया था। इन सिस्टमों को ब्रेक डाउन करना बहुत ही जटिल और लंबी प्रकिया है। इसलिए सेना ने इन सिस्टमों को डिमिलिट्राइज कर दिया है। ताकि इसे कोई संचालित न कर सके।
बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के लिए पहले 11 सितंबर की तारीख का लक्ष्य रखा था। लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था। जिसे लेकर तालिबानी प्रवक्ता ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा था कि, अगर 31 अगस्त तक सैनिकों की वापसी का काम पूरा नहीं हुआ तो अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
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