उत्तर प्रदेश डेस्क।।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दो बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों पर रोक लग सकती है।जनसंख्या नियंत्रण पर काबू पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इस पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए सरकार इसके फायदे और नुकसान की समीक्षा में जुट गई है। वहीं दूसरी तरफ निर्वाचन नियमावली बदलाव के मुद्दे पर राजनीतिक गर्माहट तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इस निर्णय को संविधान के खिलाफ बताया है। इस मुद्दे पर ग्राम प्रधान संगठन पहले आम सहमति बनाने पर जोर दे रहा है।

अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज ने कहा कि सरकार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लागू करने और दो बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों पर रोक लगाने का विचार कर रही है। लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय लेना अभी बाकी है। दरअसल पंचायत चुनाव से पहले ही जुलाई में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान द्वारा मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों को पत्र लिखकर दो बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशी को चुनाव प्रणाली में हिस्सा नहीं लेने का कानून बनाने की मांग की है।

बता दें कि बालियान अधिक समय से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अभियान चला रहे हैं। वह चुनावी कार्यविधि को भी बदलने की मांग करते रहे हैं। बालियान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई मुख्यमंत्रियों को खत लिखकर इस कानून को बनाने की मांग पहले ही कर चुके हैं। संजीव कहते हैं कि अगर बढ़ती आबादी को रोकना है तो सभी निर्वाचन में प्रत्याशियों पर दो बच्चों का नियम लागू करना होगा।

समाजवादी पार्टी का कहना है कि सरकार अपनी नाकामियों को जनता की नजर से छिपाने के लिए ऐसी चाल चल रही है।वैसे यूपी सरकार इस बारे में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहेगी। क्योंकि बड़ा राज्य होने के साथ ही यहां जातीय समीकरण चुनावों की दिशा को तय करते हैं।

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