नेपाल डेस्क।।

नेपालगंज: लॉकडाउन के कारण भारत में काम करने वाले नेपाली वापस अपने देश आ चुके थे। क्योंकि बंदी के कारण उनका रोजगार खत्म हो गया था। लेकिन एक बार फिर से नेपाली युवाओं ने भारत जाना शुरू कर दिया है। वे भूख और रोजगार न मिलने के डर से भारत की ओर बढ़ने लगे हैं।

भैरवी नगर पालिका-1 में रहने वाले भीम बहादुर के हाथ में आधार कार्ड है। वे चिलचिलाती धूप में जमुनाहा नाके पर नेपालगंज सीमा शुल्क कार्यालय के लाइन में लगे हैं। पूछने पर बताया कि हम गुजरात (भारत) जाने के लिए लाइन में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि घर की माली हालत खराब थी। इस लिए रोजगार की तलाश में भारत जाना पड़ा था। कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर से परिवार को भुखमरी से बचाने के लिए भारत जाना ही एकमात्र विकल्प है। भीम बहादुर ने बताया कि 4 महीने तक घर पर रहा। रोजगार के लिए इधर-उधर भटकने के बाद भी कोई काम नहीं मिला। बाहर निकले पर रोक था। हर जगह कोरोना का डर है। पूरा परिवार चिंतित है। लेकिन अब अकाल का डर, कोरोना के डर से भी बड़ा है।

नेपाली नागरिक पदम कुमारी के हाथ में भी आधार कार्ड है। उनका भी यही दर्द है। वह कहती हैं, महामारी के बीच भारत में पैसा कमाने जा रही हूँ। मैं भारत में एक होटल में काम करती हूं। मेरे जैसे गरीब लोगों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। मजबूरी में मुझे अपने काम पर वापस लौटना पड़ रहा है। नरेंद्र थापा ने कहा कि जिन लोगों को लंबे समय तक देश मे रहने के कारण जीविकोपार्जन में कठिनाई हो रही है। उन्हें वापस अपने पुराने काम पर भारत लौटना पड़ रहा है।

नेपाल सरकार ने भारत द्वारा बनाए गए आधार कार्ड को दिखाकर भारत में प्रवेश के लिए सुविधा दी है। जिनके पास कार्ड है, वे भारत में आसानी से प्रवेश पा सकते हैं। बता दें कि नेपाल के पड़ोसी देशों में, लाखों नेपाली नागरिक व्यापार, मजदूरी, शिक्षा, होटल, गार्ड आदि के क्षेत्र में काम करके अपना जीवनयापन करते हैं।

(नेपाल से राजकुमार यादव की रिपोर्ट…)

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