chauthastambhup.com । काठमांडू ।

भारत के खिलाफ हमेशा से मुखर रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की हेकड़ी उस वक्त निकल गई। जब वे संसद के निचले सदन में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे। शर्मा के पक्ष में 124 के मुकाबले केवल 93 वोट ही पड़े। अब उन्हें प्रधानमंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

विश्वासमत हासिल करने के लिए नेपाल के संसद प्रतिनिधि सभा में हुए मतदान में ओली के खिलाफ 124 सांसदों ने वोट किया। जबकि नेपाली प्रधानमंत्री के पक्ष में केवल 93 वोट ही पड़े। निकले सदन में ओली को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा से 136 वोटों की जरूरत थी। लेकिन वह 93 मत ही प्राप्त कर सके।

बता दें कि, नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार उस वक्त से अल्पमत में चल रही थी। जब पूर्व प्रधानमंत्री पुष्कमल दहल ‘प्रचंड’ की पार्टी ‘नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी’ ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से ही ओली को निचके सदन में औपचारिक रूप से बहुमत हासिल करना था।

दरअसल नेपाली राजनीति में उहापोह की स्थित उस वक्त से चल रही है। जब 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए सिरे से इलेक्शन कराने का आदेश दिया था। ओली ने यह फैसला नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में सत्ता को लेकर चल रहे खींचतान के बीच लिया था।

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